स्त्री शिक्षा की वकालत व किसान आत्महत्या की वजाह तलाश करणे वाली “माझी साक्षी”जल्द रिलीज होने वाली है.

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वर्धा : श्रुती फिल्मस् प्रस्तुत निर्देशक विलास गाडगे की सोशल इंजीनियरिंग पर आधारित मराठी पिक्चर ”माझी साक्षी” सम्प्रति पोस्ट प्रोडक्शन कार्य में है। शीतल गाडगे तथा तेजस गाडगे द्वारा निर्मित यह फिल्म अप्रैल २०२४ के अंतिम सप्ताह में सम्पूर्ण महाराष्ट्र में एक साथ प्रदर्शित की जायेगी”माझी साक्षी” नारी साक्षरता/ शिक्षा की पक्षधर यह फिल्म महाराष्ट्र में किसान आत्महत्याओं की असली वजह तलाशती नजर आयेगी। यह फिल्म समाज में फैली विकृति को दूर करने की राह भी ढूंढ़ती है। इस फिल्म में एक प्रेम कहानी भी है जो युवाओं को उद्वेशीत करती है,आत्मनिर्भरता और स्वच्छ भारत अभियान को भी पोषित करती है।

”माझी साक्षी”के गीतकार पंडित मेश्राम व अश्रुबा सोडनार,संगीतकार राम अभि, गायक गायिका अभिजीत कौसंबी व श्रुति चौधरी हैं। कोरियोग्राफर मंगेश देवके और सिनेमैटोग्राफर सुभाष जयस्वाल हैं।”माझी साक्षी” के मुख्य कलाकार हैं – संदीप बुरूडकर,आकांक्षा साखरकर,प्राची ऊके,राहुल बारापात्रे और सुनील हिरेखन। लेखक/ निर्देशक .विलास गाडगे की यह फिल्म मराठी अस्मिता को पोषित करनेवाली एक सार्थक और उद्देश्यपूर्ण चलचित्र सिद्ध होगी। सात मराठी और तीन हिन्दी फीचर फिल्म निर्देशित कर चुके विलास गाडगे सामाजिक विकास के हितचिंतक और पैरोकार रहे हैं। किसानों की आत्महत्याएं विलास गाडगे जी को आरम्भ से ही उद्वेशीत करती रही है।यह कृत्य एक सामाजिक अभिशाप की तरह घटित होता रहा है और एक विकृति की नाईं फैलता गया है।विलास गाडगे की सर्वाधिक सफल मराठी फिल्म ”व्यथा ” की विषय वस्तु किसानों की दुरावस्था व आत्महत्या ही थी।”छोटा जवान, एक नवे महासम्मेलन,निर्धार,लढा प्रगतीचा, लढा शिक्षणाच्या, व्यथा शेतकऱ्याची” इनकी प्रमुख मराठी फिल्में हैं। विलास ने कॉमेडी फिल्म “सोट्याची कमाल गोट्याची धमाल“का भी लेखन निर्देशन किया था। इनके अलावा कुछ वृत्त चित्र और शॉर्ट वीडियो फिल्म का भी लेखन निर्माण निर्देशन विलास गाडगे ने किया है।

सागर झोरे साहसिक न्यूज/24वर्धा

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